भोपाल। एक प्रायवेट स्कूल द्वारा अपने स्टूडेंट को अपमानित करने के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को मप्र मानव अधिकार आयोग के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था। इस बाबत जिला शिक्षा अधिकारी को करीब 7 बार स्मरण पत्र एवं सूचना पत्र भेजे गए। फिर भी प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने पर आयोग ने 5 हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि एक प्राइवेट स्कूल द्वारा अपने स्टूडेंट को अपमानित करने के मामले में नितिन सक्सेना को प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था। परंतु जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना आयोग के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं कर रहे। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन द्वारा 2018 में आए एक प्रकरण में सात सूचना व स्मरण पत्र देने के बावजूद अब तक प्रतिवेदन न भेजने के कारण यह आदेश जारी किया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति न देने पर उनके विरुद्ध आयोग द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। जमानती वारंट पुलिस अधीक्षक मुख्यालय भोपाल के माध्यम से दिया जाएगा।
आयोग द्वारा 18 जुलाई 2018 को प्रकाश में आए एक मामले में स्कूल संचालक द्वारा छात्र के बाल काटे जाने की घटना हुई थी। इस पर आयोग द्वारा संज्ञान लिया गया था। इस संबंध में डीईओ को 4 सितंबर को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का सूचना पत्र जारी किया गया था, लेकिन वे न तो प्रतिवेदन प्रस्तुत किए और न ही उपस्थित हुए।
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