उज्जैन। नागझिरी क्षेत्र स्थित उद्योगपुरी में कपास्या खली व्यापारी के यहां लाखों रूपये की लूट की घटना देर रात हुई है। यहां दो बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। बदमाशों ने कमरे में सो रहे कर्मचारी की आंखों में मिर्च झोंकी और सरिये से पीटने लगे। इसके बाद बदमाशों ने अलमारी का दरवाजा तोड़ा और उसमें रखे लाखों रूपये नगद और सोने-चांदी के जेवर, मोबाइल आदि लूटकर भाग निकले। सूचना मिलने पर एएसपी सिटी, सीएसपी और नागझिरी टीआई सहित एफएसएल, फिंगर प्रिंट अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और बदमाशों की तलाश शुरू की।
मिली जानकारी के अनुसार देवासरोड़ नागझिरी उद्योगपुरी में मोहित इण्डस्ट्रीज के नाम से कपास्या खली एवं पशु आहार का कारोबार है। इनके यहां देर रात कोदो बदमाश घुसे यहां के कर्मचारी भंवरलाल पिता अंबाराम 52 वर्ष निवासी जमालपुरा इंदौर रोड़ की आंख में मिर्च झोंककर पीटना शुरू किया। इण्डस्ट्री के मालिक चंद्रप्रकाश पिता परमानंद राजानी 58 वर्ष लकवा के मरीज हैं। वह पलंग पर लेटे थे उन्होंने बदमाशों से कहा भंवरलाल को मत पीटो जो ले जाना हो ले जाओ। बदमाशों ने चंद्रप्रकाश राजानी के सिरहाने की ओर दीवार में बनी अलमारी का दरवाजा खोला और उसमें रखे 6 लाख रुपये से अधिक नगद व सोने की 8 चूड़ी, 1 ब्रेसलेट, 1 मंगलसूत्र, 1 जोड़ चूड़ी, मोबाइल के साथ सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर लेकर जिस रास्ते से आये थे उसी रास्ते से भाग गये। इंडस्ट्रीज के मालिक चंद्रप्रकाश ने मोबाइल पर इसकी सूचना दूसरे कमरे में सो रहे भाई महेश राजानी को दी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
दूसरी मंजिल से कमरे तक आये बदमाश
कर्मचारी भंवरलाल ने बताया कि मालिक चंद्रप्रकाश राजानी लकवा पेशेंट होने के कारण यहीं कमरे में रहते हैं। उनकी देखभाल भंवरलाल ही करता है और रात में चंद्रप्रकाश के पलंग के पास ही सोता है। भंवरलाल के अनुसार रात करीब 3 बजे दो बदमाश चद्दर के रास्ते दूसरी मंजिल तक पहुंचे। यहां लगी लोहे की खिड़की को धक्का देकर खोला फिर नीचे के कमरे तक आकर दरवाजा खोलने के बाद भंवरलाल पर सरिये से हमला कर दिया। एक बदमाश ने भंवरलाल की आंख में मिर्च डाली तो वह जमीन पर गिर गया। शोर सुनकर चंद्रप्रकाश राजानी नींद से जागे और बदमाशों से कहा कि भंवरलाल को मत पीटो जो ले जाना हो ले जाओ।
बड़े भाई फैक्ट्री में ही थे क्वारेंटाइन
मोहित इण्डस्ट्रीज के मालिक चंद्रप्रकाश राजानी के बड़े भाई महेश राजानी निवासी शांति निकेतन ने बताया कि बच्चों में कोरोना के लक्षण थे। उनकी जांच होना है, महेश राजानी की तबियत भी खराब थी और कोरोना के भय से उन्होंने स्वयं को अपनी इण्डस्ट्रीज में बने कमरे में क्वारेंटाइन किया था। पास वाले कमरे से भाई चंद्रप्रकाश ने फोन पर लूट की सूचना दी तो वह कमरे से निकलकर मौके पर आये जहां कर्मचारी भंवरलाल घायल अवस्था में पड़ा था। महेश राजानी ने ही पुलिस को फोन पर लूट की सूचना दी।
हजारों का होता है नगद लेन-देन
महेश राजानी ने बताया कि कपास्या खली पशु आहार के कारोबार में प्रतिदिन हजारों रुपये नगद का लेन देन होता है। ट्रकों से माल आने पर नगद भुगतान भी करना पड़ता है। दो-तीन दिन का कैश इक_ा होने पर बैंक में जमा कर देते हैं। इस कारण दीवार में बनी अलमारी में 6 लाख से अधिक कैश रखे थे, जबकि पत्नी की मृत्यु होने के बाद घर में रखे सोने के आभूषण भी यहीं ले आये थे। जिन्हें अलमारी में सुरक्षित रखा था।
फैक्ट्री के जानकार थे बदमाश
जिन दो बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया उन्हें इण्डस्ट्री पर बने कमरों और वहां तक पहुंचने के रास्ते की पूरी जानकारी थी। यही कारण रहा कि छत की खिड़की खोलकर लोहे के दरवाजे को काटने के बाद नीचे के कमरे तक आसानी से पहुंचे। कर्मचारी भंवरलाल के साथ ही मारपीट की और पलंग पर सो रहे चंद्रप्रकाश राजानी को हाथ तक नहीं लगाया। खास बात यह कि सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर कहां रखा है यह भी बदमाशों को पता था और कौन सी अलमारी में कैश व आभूषण हैं इसकी जानकारी भी बदमाशों को थी। महेश राजानी ने बताया कि जो मोबाइल बदमाश ले गये उससे नेट बैंकिंग भी होती थी जिसकी जानकारी बदमाशों को थी।
पहले भी घुसे थे चोर
महेश राजानी ने बताया कि उनकी इंडस्ट्रीज का कामकाज पुत्र कपिल राजानी संभालता है। उनके यहां करीब 6 कर्मचारी हैं जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। महेश के अनुसार पिछले वर्ष भी कुछ बदमाशों ने दीवार कूदकर वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया था, लेकिन तब सफल नहीं हो पाए थे। इस बार बदमाश सफल हो गए।
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