जल संसाधन विभाग के प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारी वापस बुलाए जाए - मंत्री श्री सिलावट
उज्जैन 07 सितम्बर। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने गत दिवस विभाग की समीक्षा बैठक में 5500 करोड़ की से माधवराव सिंधिया परियोजना के लिए सर्वे का काम शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। पार्वती, काली सिंध और चंबल नदी पर यह परियोजना प्रस्तावित है। इस परियोजना से कृषि, सिंचाई, उद्योगों और पीने के लिए पानी उपलब्ध होगा। मंत्री श्री सिलावट ने केन बेतवा परियोजना के लिए जल्दी ही उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री के साथ दिल्ली में बैठक करने के निर्देश दिए है। जल संसाधन मंत्री के निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में राज्य मंत्री राम किशोर कांवरे अपर मुख्य सचिव एस.एन. मिश्रा, ई एन सी डाबर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने निर्देश दिए की अतिवर्षा के बाद प्रदेश में डेम, तालाब, नहरो, की क्या स्थिति है, इसके निरीक्षण के लिए राज्य स्तरीय कमेटी गठित की जाए जो उपरोक्त संरचना की वास्तविक स्थिति समीक्षा कर 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
मंत्री श्री सिलावट ने अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिए की प्रति नियुक्ति पर दूसरे विभागों गए अधिकारियों वापस विभाग में बुलाया जाए। विभाग में किसी भी अधिकारी की पदस्थापना के समय वरिष्ठता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि सीनियर पद पर जूनियर की नियुक्ति नहीं होना चाहिए। अतिवर्षा के समय यदि सम्बन्धित अधिकारी डेम, तालाब और फील्ड में नहीं गए है तो उन्हें चेतावनी पत्र जारी किया जाए। संभाग स्तर पर विभागीय कमेटी गठित की जाए जो अपने क्षेत्रो में स्थित सभी डेम तालाब का निरीक्षण करे और सम्बन्धित जल संरचनाओं की ऑडिट रिपोर्ट 8 दिन में प्रस्तुत करे। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि विभाग में फ्लाइंग स्काड का गठन किया जाए जो अति वर्षा वाले स्थानों का निरीक्षण कर त्वरित कार्रवाई करे और राज्य स्तर पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। बांध निर्माण और अन्य परियोजना के लिए प्रस्तावित किसी भी टेंडर लगाने की दिनांक आगे नहीं बढ़ाई जाए। सिंचाई परियोजना में देरी का मतलब कृषि उत्पादन पर असर डालता है इस कारण कोई भी सिंचाई परियोजना में देरी नहीं होना चाहिए।
बैठक में राज्यमंत्री श्री राम किशोर कांवरे ने कहा कि जितनी परियोजना पुरानी हो चुकीं हैं। उनका ऑडिट कराया जाए, इन पर विशेष निगरानी रखी जाए। बालाघाट की बाबनथड़ी परियोजना के लिए अलग से कार्य योजना बनाकर शेष बची नहर से कृषि के लिए पानी उपलब्ध कराया जाये।
अपर मुख्य सचिव श्री एस एन मिश्रा ने कहा कि विभाग ने अति वर्षा के समय सभी बांधो पर कंट्रोल रूम से चौकसी रखी गई है। सभी बांध और तालाब सुरक्षित है।
बैठक में प्रदेश में सभी बड़े बांध और अन्य बांध की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। जिसमें बताया गया कि लगभग सभी बाध क्षमता अनुसार भर चुके है। बुन्देलखण्ड के छतरपुर में सामान्य से कम वर्षा के कारण वहां के बांध 20 प्रतिशत खाली है जो आने वाले दिनों में वर्षा से भरने की सम्भावना है।
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