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युवा अध्यात्म को जीवन में उतारकर तनावमुक्त बनें - डॉ. चारुदत्त पिंगले : भोपाल एलएनसीटी में तनाव मुक्तिपर हुई ऑनलाइन कार्यशाला


भोपाल - कोरोना जैसी विषम परिस्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है । ऐसे में संकल्प के साथ काम करने की जरूरत है । वर्तमान में कोरोना का दौर है, कई युवा तनाव के परिस्थिति में जीवनयापन कर रहे हैं। सकारात्मक सोच के साथ मन की शक्ति प्रदान करें, फिर आपके सामने कितना भी बड़ा पहाड़ जैसा लक्ष्य हो, आप मंजिल प्राप्त कर ही लेंगे । अध्यात्म को जीवन में उतारकर युवा तनावमुक्त बनें । उन्होंने यह भी कहा कि अब बाहर के कंम्प्युटर के साथ हमें स्वयं के भीतर के कंप्युटर को भी साधना के द्वारा जगाना होगा । वे एलएनसीटी में ‘तनाव मुक्ति एवं संतुलित जीवन का रहस्य’ विषयपर आयोजित ऑनलाइन
कार्यशाला में बोल रहे थे । इस मौके पर एलएनसीटी समूह के सचिव डॉ. अनुपम चौकसे एवं व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. अशोक राय विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमितबोध उपाध्याय ने किया । इस कार्यशाला के पश्चात कुछ युवकोंने तणावमुक्ति हेतु आॅनलाइन वर्ग की मांग की । 

यह दिए सफलता के मंत्र :
१. स्वयंसूचना : छात्रों को परीक्षा में अच्छे नंबर लाने और नौकरी की टेंशन होती है। ऐसे युवा स्वयंसूचना के जरिए पहले मन को सकारात्मक विचारों के साथ प्रबल करें।
२. मनको दिशानिर्देश देना : तनाव को मन से संवाद कर उसे दिशानिर्देश देकर दूर किया जा सकता है । 
३. तनाव स्थिति का पूर्व अभ्यास : परीक्षा से डरने वाले छात्र प्रत्यक्ष परिस्थिति में मन से जाकर उसका पूर्वाभ्यास करें ।

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