उज्जैन। ऋ ण मुक्तेश्वर मंदिर की संपत्ति किसी की निजी नहीं होकर नाथ सम्प्रदाय की है। यहां पूर्व में महंत रहे गुलाबनाथ के गत दिनों ब्रह्मलीन हो जाने के बाद से मंदिर में किराए की दुकान लगाकर हार-फूल प्रसाद बेचने वाला प्रहलाद शासन-प्रशासन को झूठी जानकारी देकर एवं भ्रमित कर अपना अधिकार बताते हुए संपत्ति हड़पने की साजिश कर रहा है।
यह जानकारी देते हुए भर्तृहरि गुफा के महंत पीर योगी श्री रामनाथ महाराज ने बताया कि 5 सितंबर 2020 को नाथ संप्रदाय भर्तृहरि वैराग्य पंथ द्वारा सेवित ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के संबंध में कथित दुकानदार प्रहलाद आदि के द्वारा मनगढ़ंत, झूठी, तथ्यहीन जानकारी विभिन्न समाचार पत्रों में देकर आम लोगों को भ्रमित किया गया है। जिसकी संपूर्ण नाथ सम्प्रदाय निंदा करता हैं, और समाज को सत्यता से अवगत कराते हुए जानकारी देना चाहता है कि ऋ णमुक्तेश्वर महादेव मंदिर की संपत्ति 24 अगस्त 2020 को ब्रह्मलीन हुए महंत गुलाबनाथ गुरु संतोषनाथ की निजी संपत्ति नहीं है। यह प्राचीनकाल से ही नाथ संप्रदाय की संपत्ति है। नाथ संप्रदाय द्वारा अधिकृत नाथ संत ही, जो विधिवत नाथ संस्कारों से पोषित होता है का चयन कर योगी महासभा उस नाथ संत को अपने स्थान यानी संपत्ति पर 12 वर्षों के लिए महंताई का अधिकार प्रदान करती है। नाथ संप्रदाय में वंश परंपरा का कोई स्थान नहीं होता है। यहां गृहस्थ को कभी नाथ संत नहीं बनाते हैं। अपितु विधिवत गृहस्थ आश्रम का त्याग करने पर ही नाथ सम्प्रदाय में गुरु द्वारा शिष्यता प्रदान की जाती है। योगी गुलाबनाथ के ब्रह्मलीन होने पर उनसे पूर्व योगी संतोषनाथ ऋणमुक्तेश्वर के महंत थे। और उनसे भी पहले योगी बुधनाथ यहां के महंत थे। ये सभी नाथ सिद्धों की परंपरा के अनुसार ही इस स्थान के महंत रहे है। इसमें वंश परंपरा अथवा गृहस्थ परंपरा का कभी भी कोई स्थान ही नहीं रहा है। उल्लेखनीय है कि प्राचीन काल से नाथ संप्रदाय द्वारा सेवित ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर परिसर में 9 वर्षों से किराए पर दुकान लेकर हार-फूल, प्रसाद बेचने वाला दुकानदार प्रहलाद संतों के साथ विश्वासघात कर मंदिर की संपत्ति को हड़पने के लिए साजिश कर रहा है। भर्तृहरि गुफा के महंत पीर योगी श्री रामनाथ महाराज ने सक्षम न्यायालय में इसे लेकर याचिका भी दायर की है। साथ ही कलेक्टर व संबंधित थाना पुलिस को भी इस संबंध में जांच कर उचित कार्रवाई करने का निवेदन किया है।
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